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सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया ।




दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥


| 1 | एक तो तेरे नैन तिरछे, दूसरा काजल लगा 

तीसरा नज़रें मिलाना, दिल दीवाना हो गया ॥


| 2 | एक तो तेरे होंठ पतले, दूसरा लाली लगी ।

तीसरा तेरा मुस्कुराना, दिल दीवाना हो गया ॥


| 3 | एक तो तेरे हाथ कोमल, दूसरा मेहँदी लगी ।

तीसरा मुरली बजाना, दिल दीवाना हो गया


| 4 | एक तो तेरे पाँव नाज़ुक, दूसरा पायल बंधी ।

तीसरा घुंगरू बजाना, दिल दीवाना हो गया ॥


| 5 | एक तो तेरे भोग छप्पन, दूसरा माखन धरा ।

तीसरा खिचडे का खाना, दिल दीवाना हो गया ॥


| 6 | एक तो तेरे साथ राधा दूसरा रुक्मण खड़ी ।

तीसरा मीरा का आना, दिल दीवाना हो गया ॥


एक तो तुम देवता हो, दूसरा प्रियतम मेरे ।

तीसरा सपनों में आना, दिल दीवाना हो गया


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