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धन धन भोलेनाथ बॉंट दिये,

 


आप भजन में मस्त रहे… मोरे बाबा भंग पियो नीत खप्पर में । एसो दीनदयाल मोरे बाबा भर्यो ख़ज़ानों पलभर में ॥ घन घन भोलेनाथ बाँट दिये, तीन लोक इक पलभर में । एसो दीनदयाल मोरे बाबा, भरे ख़ज़ाना पलभर में ॥ अमृत तो देवों को दे दिया,आपने हलाहल पान किया, ब्रह्म ज्ञान दे दिया उसी को,जिसने आपका ध्यान करा । 🔱 अपने पास एक वस्त्र ना रखके,मस्त रहे बाघम्बर में ऐसो दीन दयल मोरे बाबा,भयों खजानो पल भर में 🙇‍♀️ धन धन भोलेनाथ बॉंट दिये,तीन लोक इक पल भर में । ऐसो दीनदयाल मोरे दाता,भरे खजाना पल भर में ॥🛕 वीणा तो नारद को देदी है,हरी भजन का राग दीया 🙇‍♀️ ब्राह्मण को दिया कर्म काण्ड,और सन्यासी को त्याग दिये 🔱 अपने पास में कुछ नहीं रखते (मोरे बाबा) मस्त रहें अपने तप मे 🙇‍♀️ ऐसो दिनदयल मोरे बाबा,भयों खजानो पल भर में ♥️ धन धन भोलेनाथ बॉंट दिये,तीन लोक इक पल भर में ऐसो दीनदयल मोरे दाता,भयों खजाना पल भर में 🔱 लंका गढ़ रावण को दे दीया बीस भुजा दस शिष दिये रामचंद्रजी को धनुष बाण तुमही ने तो जगदीश दिये 🙇‍♀️ जिसने जो चाहा उसने ओ पाया (मोरे बाबा) महादेव तुम्हरे वर मे 🙇‍♀️ ऐसो दिनदयल मोरे बाबा,भयों खजानो पल भर में ♥️ धन धन भोलेनाथ बॉंट दिये,तीन लोक इक पल भर में ऐसो दीनदयल मोरे दाता,भरें खजाना पल भर में 🔱


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