जयशंभुनाथ,दिगंबरम् ।करुणाकरं जगदीश्वरम् ।।
भवतारणम् भयहारणम्।
करुकरं जगदीश्वरं ।।
मृगछाल अंग शुशोभितम्।करमाल दंड बिराजितं ।।
यमकाल पासबिमोचकम्।
करुणाकरं जगदीश्वरम् ।।
जय शंभुनाथ दिगंबरम् ।
करुणाकरम् जगदीश्वम्।।
भवतारणम् भयहारणम् ।करुणाकरं जगदीश्वरं ।।
गलरुण्डमाल कपालब्याल।
तनभस्म शोभित सुंदरम् ।।
तवशक्ति अंग शुशोभितम् ।करुणा करम् जगदीश्वम् ।।
जय शंभुनाथ दिगंबरम् ।करुणाकरं जगदीश्वम् ।।
भवतारणं भयहारणम्।
करूणा करम् जगदीश्वम् ।।
हे दक्क्षयग्य बिनाशकम् ।
हे कामदाहन कारणम्।।
श्री गणेशस्कं द नमस्कृतम् ।
करुणाकरम् जगदीश्वम्।।
जय शंभुनाथ दिगंबरम् ।करुणाकरम् जगदीश्वम् ।।
भवतारणम् भयहारणम् ।
करूणाकरम् जगदीश्वम् ।।
हे आशुतोष शशांकशेखर।चंद्रमौलिमृतुंज्जयम्।।
तवपादकमल नमाम्हम्।2
करूणाकरम् जगदीश्वम् ।।
जय शंभुनाथ दिगंबरम् ।
करूणा करम् जगदीश्वम् ।।
भवतारणम् भयहारणम्।
करूणाकरम् जगदीश्वम् ।।3
कृतेना अनीनां अद्यदिने शिवअस्तु कृपाधाखेना कर्मणा कर्मणा धीश्त्वद भवानी शंकर महारुद्र
महामृतुंजय श्रीभगवत्तीदारी ईश्वर चरणा रबिदंमम्
प्रीयताम नममः
श्री शाष्टांग शिवार्पणमस्तु शिवागईदम् नममः
श्री शाष्टांग जगदंम्बाअर्पण मस्तु।
अंम्बाप्रियताम् नममः
*श्री रूद्राष्ट्कम*
*नमामी शमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं, ब्रह्म वेदस्वरूपम्।*
*निजं, निर्गुणं, निर्विकल्पं, निरीहं, चिदाकाशं आकाशवासं भजेहं ।।*
*निराकारं ॐकार मुलं तुरीयं, गिरा ज्ञान गोती-तमीशं गिरीशम्।*
*करालं महाकाल कालं कृपालं, गुणागार संसार-पारं नतो अहम ।।*
*तुषाराद्रि-संकाश-गौरं गंभीरं, मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरम्।*
*स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारू गंगा, लसद भाल बालेन्दू कण्ठे-भुजंगा॥*
*चलत्कुण्डलं भ्रू सुनेत्रं विशालं, प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम्।*
*मृगाधीश-चर्माबरं मुण्डमालं, प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि॥*
*प्रचण्डं, प्रकृष्टं, प्रगल्भं, परेशं, अखंडं अजं भानुकोटि-प्रकाशम्।*
*त्रय:शूल निर्मूलनं शूलपाणिं, भजे अहं भवानीपतिं भाव गम्यम्॥*
*कलातीत-कल्याण-कल्पांतकारी, सदा सज्जनानन्द दातापुरारी।*
*चिदानन्द सन्दोह मोहापहारी, प्रसीद-प्रसीद प्रभो मन्माथारी॥*
*न यावद् उमानाथ पादारविन्दं, भजंतीह लोके परे वा नाराणम्।*
*न तावत्सुखं शांति संताप नाशं, प्रसीद प्रभो सर्वभुताधिवासम् ॥*
*न जानामि योगं जपं नैव पूजाम्, नतोहं सदा सर्वदा शम्भु ! तुभ्यम।*
*जरा जन्म दु:खौद्य तातप्यमानं, प्रभो ! पाहि आपन्नमामीश शम्भो ॥*
हरहॐ तत्सत हरह ॐ तत्सत हरह ॐ तत्सत।
बोलो केदारेश्वर महराज की जय
*शिव महामन्त्र*
*ॐ नम: शिवाय,ॐ नम: शिवाय, हरहर बोले नम: शिवाय।*
*रामेश्वराय शिव रामेश्वराय,हरहर बोले नम: शिवाय।*
*गंगाधराय शिव गंगाधराय,हरहर बोले नम: शिवाय।*
*जटाधराय शिव जटाधराय,हरहर बोले नम: शिवाय।*
*सोमेश्वराय शिव सोमेश्वराय,हरहर बोलेनम: शिवाय।*
*विश्वेश्वराय शिव विश्वेश्वराय,हरहर बोलेनम: शिवाय।*
*कोटेश्वराय शिव कोटेश्वराय,हरहर बोले नम: शिवाय।*
*महाकालेश्वराय शिव कालेश्वराय,हर हर बोले नम: शिवाय।*
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*शिव तांडव स्तोत्र*
*जटाटवीगलज्जल प्रवाहपावितस्थले*
*गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजंगतुंगमालिकाम्।*
*डमड्डमड्डमड्डमनिनादवड्डमर्वयं*
*चकार चंडतांडवं तनोतु नः शिवः शिवम ॥1॥*
*जटा कटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिंपनिर्झरी ।*
*विलोलवी चिवल्लरी विराजमानमूर्धनि*
*धगद्धगद्ध गज्ज्वलल्ललाट पट्टपावके*
*किशोरचंद्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं ममं ॥2॥*
*धरा धरेंद्र नंदिनी विलास बंधुवंधुर-*
*स्फुरदृगंत संतति प्रमोद मानमानसे ।*
*कृपाकटा क्षधारणी निरुद्धदुर्धरापदि*
*कवचिद्विगम्बरे मनो विनोदमेतु वस्तुनि ॥3॥*
*जटा भुजं गपिंगल स्फुरत्फणामणिप्रभा-*
*कदंबकुंकुम द्रवप्रलिप्त दिग्वधूमुखे ।*
*मदांध सिंधु रस्फुरत्वगुत्तरीयमेदुरे*
*मनो विनोदद्भुतं बिंभर्तु भूतभर्तरि ॥4॥*
*सहस्र लोचन प्रभृत्य शेषलेखशेखर-*
*प्रसून धूलिधोरणी विधूसरांघ्रिपीठभूः ।*
*भुजंगराज मालया निबद्धजाटजूटकः*
*श्रिये चिराय जायतां चकोर बंधुशेखरः ॥5॥*
*ललाट चत्वरज्वलद्धनंजयस्फुरिगभा-*
*निपीतपंचसायकं निमन्निलिंपनायम् ।*
*सुधा मयुख लेखया विराजमानशेखरं*
*महा कपालि संपदे शिरोजयालमस्तू नः ॥6॥*
*कराल भाल पट्टिकाधगद्धगद्धगज्ज्वल-*
*द्धनंजया धरीकृतप्रचंडपंचसायके ।*
*धराधरेंद्र नंदिनी कुचाग्रचित्रपत्रक-*
*प्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने मतिर्मम ॥7॥*
*नवीन मेघ मंडली निरुद्धदुर्धरस्फुर-*
*त्कुहु निशीथिनीतमः प्रबंधबंधुकंधरः ।*
*निलिम्पनिर्झरि धरस्तनोतु कृत्ति सिंधुरः*
*कलानिधानबंधुरः श्रियं जगंद्धुरंधरः ॥8॥*
*प्रफुल्ल नील पंकज प्रपंचकालिमच्छटा-*
*विडंबि कंठकंध रारुचि प्रबंधकंधरम्*
*स्मरच्छिदं पुरच्छिंद भवच्छिदं मखच्छिदं*
*गजच्छिदांधकच्छिदं तमंतकच्छिदं भजे ॥9॥*
*अगर्वसर्वमंगला कलाकदम्बमंजरी-*
*रसप्रवाह माधुरी विजृंभणा मधुव्रतम् ।*
*स्मरांतकं पुरातकं भावंतकं मखांतकं*
*गजांतकांधकांतकं तमंतकांतकं भजे ॥10॥*
*जयत्वदभ्रविभ्रम भ्रमद्भुजंगमस्फुर-*
*द्धगद्धगद्वि निर्गमत्कराल भाल हव्यवाट्-*
**धिमिद्धिमिद्धिमि नन्मृदंगतुंगमंगल-*
*ध्वनिक्रमप्रवर्तित प्रचण्ड ताण्डवः शिवः ॥11॥*
*दृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजंग मौक्तिकमस्रजो-*
*र्गरिष्ठरत्नलोष्टयोः सुहृद्विपक्षपक्षयोः ।*
*तृणारविंदचक्षुषोः प्रजामहीमहेन्द्रयोः*
*समं प्रवर्तयन्मनः कदा सदाशिवं भजे ॥12॥*
*कदा निलिंपनिर्झरी निकुजकोटरे वसन्*
*विमुक्तदुर्मतिः सदा शिरःस्थमंजलिं वहन्।*
*विमुक्तलोललोचनो ललामभाललग्नकः*
*शिवेति मंत्रमुच्चरन्कदा सुखी भवाम्यहम्॥13॥*
*निलिम्प नाथनागरी कदम्ब मौलमल्लिका-*
*निगुम्फनिर्भक्षरन्म धूष्णिकामनोहरः ।*तनोतु नो *मनोमुदं विनोदिनींमहनिशं*
*परिश्रय परं पदं तदंगजत्विषां चयः ॥14॥*
*प्रचण्ड वाडवानल प्रभाशुभप्रचारणी*
*महाष्टसिद्धिकामिनी जनावहूत जल्पना ।*
*विमुक्त वाम लोचनो विवाहकालिकध्वनिः*
*शिवेति मन्त्रभूषगो जगज्जयाय जायताम् ॥15॥*
*इमं हि नित्यमेव मुक्तमुक्तमोत्तम स्तवं*
*पठन्स्मरन् ब्रुवन्नरो विशुद्धमेति संततम्।*
*हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नांयथा गतिं*
*विमोहनं हि देहना तु शंकरस्य चिंतनम ॥16॥*
*पूजाऽवसानसमये दशवक्रत्रगीतं*
*यः शम्भूपूजनमिदं पठति प्रदोषे ।*
*तस्य स्थिरां रथगजेंद्रतुरंगयुक्तां*
*लक्ष्मी सदैव सुमुखीं प्रददाति शम्भुः ॥17॥*
*॥ इति शिव तांडव स्तोत्रं संपूर्णम्॥*
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